2022 का बजट मध्यमवर्गीय परिवार को किया निराश, बजट में व्यवसायियों के हित में कोई बात नहीं ।

नार्थ इस्टर्न बिहार चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने आर्थिक बजट पर कहा कि इस बजट ने एक बार फिर मध्यम वर्ग को निराश किया है। आर्थिक बजट से मध्यम वर्ग को फिर मायूसी हाथ लगी है। क्योंकि बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है। चैंबर के महासचिव रवि महावर और कमर्शियल टैक्सेस अधिवक्ता इंद्रजीत सिन्हा ने केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि करदाता 2 साल के भीतर एक अद्यतन रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। यदि उनकी फाइलिंग में कोई विसंगति है। सहकारी समितियां 18.5 प्रतिशत वैकल्पिक न्यूनतम कर का भुगतान करती हैं और कंपनियां 15 प्रतिशत का भुगतान करती हैं। अब से सहकारी समितियों को भी सिर्फ 15 प्रतिशत देना होगा। 1 से 10 करोड़ की आय वाले सहकारी समितियों के लिए भी सरचार्ज घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया है। चैंबर पदाधिकारियों ने कहा कि विकलांग व्यक्तियों को कर में राहत दी गई है। जो सरकार का सराहनीय कदम है। राज्य सरकार के कर्मचारियों के एनपीएस खाते के लिए कर कटौती की सीमा 14 प्रतिशत है। वर्चुअल डिजिटल एसेट्स को कर व्यवस्था के तहत लाया जाएगा। लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स सरचार्ज की अधिकतम सीमा 15 प्रतिशत होगी। कटे और पॉलिश किए गए हीरे पर सीमा शुल्क घटाकर 5 प्रतिशत किया गया। सोडियम साइनाइड पर शुल्क बढ़ाया गया जबकि छतरियों पर ड्यूटी बढ़ाकर 20 प्रतिशत की गई है। यह बजट जो प्रस्तुत किया गया है। वित्त मंत्री के द्वारा वह चुनावी बजट है। व्यवसायियों के हित में कोई भी बात नहीं कही गई है। मध्यम श्रेणी और छोटे व्यवसायियों का अनदेखा किया गया। किसी भी की राहत नहीं दी गई है। इस अवसर पर विमल सिंह बेगानी, अनिल चमडिया, भुवन प्रकाश अग्रवाल, श्याम चंद्रवंशी, मनोज सुराणा, रणजीत जयसवाल, गणेश डोकानिया मौजूद थे।