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बदहाल मदरसा कटिहार
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  • 2024-03-13 09:47:56
  • Syead Shadab alam

बदहाल मदरसा कटिहार

बिहार के कटिहार में दर्जनों सरकारी मदरसा चल रही है झोंपड़ी में,झोंपड़ी में चल रहे मदरसे को पढ़ने वाले बच्चो को नही मिल रहा कोई सरकारी लाभ,जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ने कहा जिले में 274 मदरसा है। जिले के खस्ताहाल मदरसे पर एक रिपोर्ट।


बिहार का शिक्षा विभाग शिक्षा व्यवस्तह को बेहतर करने के खूब दावा कर रही है,लेकिन सरकारी मदरसा बदहाली की आंसू बहा रहा है,कटिहार में ऐसी कई  मदरसे हैं जिनको अपना भवन नही है,और ये मदरसा झोनोडियो में चल रहा है, जिसे देखने वाला कोई नही,बच्चो के बैठने के लिए मदरसों में झोंपड़ी के बने घरों के ऊपर टीन लगी हुई है और ज़मीन पे मिट्टी है जिसपर बैठकर बच्चे शिक्षा ले रहे हैं।

मदरसा शिक्षको का कहना है कि उनके वेतन को छोड़कर मदरसा में कोई अन्य लाभ नही मिल रहा है, ये झोंपड़ी भी उनके द्वारा बनाई गईं है, शिक्षा विभाग हो या फिर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग हो यहां से कोई भी लाभ उन्हें नही दी जाती है,बच्चो को न किताब दी जाती है,ना ही ड्रेस और न ही मध्यान भोजन ही मिलता है,जिले में जितने भी झोंपड़ी के मदरसे है य्या फिर पक्के मकान वाले मदरसे हैं,ऐसी कोई भी लाभ वहां नही मिलती है,जिससे मदरसा बदहाल स्थिति में हैं।

मामले पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी कहते है कि कटिहार जिले में 274 सरकारी मदरसे है,जिस्मर 20 मदरसा का स्वीकृति हो गई है,जिसमे 4 कमरे का निर्माण किया जाएगा और किचन सेड बनाई जाएगी  लेकिन झोंपड़ी में कितने मदरसे हैं इसका डाटा विभाग के पास नही है,झोंपड़ी में जो भी मदरसे चल रहे हैं  ज़मीन से जुड़े कोई न कोई त्रुटि है जिस काराम उन्हें लाभ नही मिल पाता है, समय समय पर बैठक में सिक्षको को जानकारी दी जाती है।


चंदन कुमार--जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी।

बहरहाल सूत्र बताते हैं कि जिले में लगभग 100 से अधिक मदरसा है जो झोंपड़ी में चल रही है,देखना ये है कि इन मदरसों का कब तक कायाकल्प होगा।